पवित्रम क्या है?

पवित्रम सेवा परिवार  एक अग्रणी राष्ट्रसेवी समाजसेवी आध्यात्मिक संस्था है, जो बच्चो में संस्कारमयी शिक्षा के साथ साथ  एक सशक्त मजबूत राष्ट्र के निर्माण में आहुति देने हेतु विभिन्न आयामो पर कार्य करने के लिए सम्पूर्ण भारत वर्ष में  स्वयं के जीवन मे सेवा , साधना , पर्यावरण , गो सेवा , जीव सेवा, योग एवम यज्ञ को आत्मसात करने वाले मानवतावादी देशभक्तों का संगठन तैयार करने के लिए , देश के अंतिम कोने कोने तक इस सेवा और वैचारिक क्रांति को  पहुँचाने के लिए शुरू किया गया है।

पवित्रम सेवा परिवार प्राणी मात्र के कल्याण की भावना से प्रेरित एवम अभिभूत होकर भारत भूमि के  समस्त महापुरूषों को अपना आदर्श मानकर , सभी पंथो की मूल भावना को आत्मसात करके यह  संस्था प्राणी मात्र के नैतिक ,बौधिक , सांस्कृतिक, आध्यात्मिक ,धार्मिक उत्थान एवम सदाचरण , सद्भावना , सत्प्रवृत्तियों, संस्कार एवम संवेदना का प्रसार –विस्तार करने , भारतीय संस्कृति , संस्कार, वैदिक परम्पराओ एवम राष्ट्रीय स्वाभिमान को संवर्धित करने के  साथ ही लोक मंगल के  परमार्थ प्रयोजनों की स्थापना एवम अभिवृधि तथा शिक्षा प्रसार ,चरित्र निर्माण तथा पीड़ितों व अभावग्रस्तों का सहयोग , सद्ज्ञान का प्रसार ,कुरीति निवारण जैसे लोकमंगल के कार्यक्रमों को अपनाकर जनसाधारण में प्रगति एवम सुख शान्ति बढ़ाने वाले बिना किसी धर्मं , लिंग , जाति-पांति एवम क्षेत्रीयता के भेदभाव से उपर उठकर समिति प्राणी मात्र के सर्वोत्तम गुणात्मक कल्याण को निम्नलिखित सात सोपानों के माध्यम से प्राप्त करने का कार्य कर रही है :

1. पवित्रम गो सेवा परिवार

2. पवित्रम योग आरोग्य अभियान

3. पवित्रम मातृशक्ति 

4. पवित्रम पर्यावरण संवर्धन अभियान

5. पवित्रम संस्कार वाटिका

6. पवित्रम स्वावलंबन अभियान

7. पवित्रम  सेवा साधना अभियान

आइये सङ्कल्प से दुनिया बदलें

पवित्रम सेवा परिवार की अवधारणा है कि समाज मे परिवर्तन का आधार स्वयं में परिवर्तन से शुरू होता है। हम बदलेंगे युग बदलेगा। इसलिए हम सबको हमारे नीचे दिए गए संकल्पों को नित्य दोहराना है , जीवन मे पहले स्वयं उतारना है तभी हम समाज ,समाज से राष्ट्र एवम उत्तरोत्तर विश्व मे परिवर्तन ला पाएंगे। आज के समय सब कुरीतियों की बात तो करते है पर अपने जीवन से कोई नही हटाता , आडम्बरो की बात तो करते है पर छोड़ता कोई नही , पर्यावरण की बात तो करते है पर पर्यावरण के  नियमो को जीवन मे आत्मसात नही करते , गाय को माँ कहते तो है पर रक्षा के लिए आगे नही आते । इसलिए हम सबको इन संकल्पों को स्वयं भी जीवन मे उतारना है एवम ओरो को भी प्रेरित करना है ।

1. हम सब हमारी संस्था के उद्देश्यों को पूर्ण करेंगे ।

2. हम गो-सेवा व्रती बनकर गो-माता के महत्व को जन-जन तक पहुंचाएंगे। समस्त जीवों की रक्षा करेंगे।

3. हम समस्त जीवो के प्रति दया-भाव, प्रेम-भाव रखते हुए अहिंसा का पालन करेंगे। मांसाहार एवं नशे से दूर रहेंगे।

4. वैदिक संस्कृति के अनुरूप यज्ञ, योग, ध्यान से युक्त, सात्विक-आडम्बरों से मुक्त जीवन बनाएंगे। हम नित्य स्वाध्याय, साधना, सत्संग एवम मानव-सेवा करेंगे ।

5. हम हमारे किसी भी कृत्य से पर्यावरण को क्षति नही पहुंचाएंगे ।

6. हम नर नारी एक दूसरे में पवित्र दृष्टि रखेंगे ।

7. हम श्रम-दान, समय-दान, अंश-दान द्वारा विश्वगुरू आर्यावर्त के सपने को साकार करेंगे।
8. राष्ट्रीय एकता एवं समता के प्रति निष्ठावान रहेंगे । जाति, लिंग, भाषा, प्रांत, वर्ण, सम्प्रदाय के कारण कोई भेदभाव नहीं करेंगे । प्राणी मात्र में समभाव रखेंगे। 

सदस्यता लिंक  एवं  संस्थान का   परिचय 

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